A Review Of सोयाबीन के तेल के फायदे

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कोलेस्ट्रॉल घटाने में सोयाबीन ऑयल कितना प्रभावी होता है? सोयाबीन ऑयल में मौजूद फैटी एसिड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा अन्य फैटी एसिड, जैसे स्टीयरिक एसिड, पाल्मिटिक एसिड और ओलेइक एसिड भी संतुलित मात्रा में पाया जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में मदद मिलती है।

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घर में आप कई तरह के तेल का उपयोग करते होंगे। कुछ तेल खाना बनाने के लिए, तो कुछ तेल बालों में लगाने के लिए। कभी-कभी लोग तेल को शरीर व चेहरे पर भी लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न प्रकार के तेल का इस्तेमाल करते हुए कभी-न-कभी आपने सोयाबीन ऑयल का भी उपयोग किया ही होगा। हम इस लेख में इसी तेल के बारे में बता रहे हैं। इस तेल में कई खूबियां और खामियां हैं, जिनकी वजह से शरीर को सोयाबीन तेल के फायदे और नुकसान होते हैं। हमने स्टाइलक्रेज के इसे आर्टिकल में विस्तार से इन सभी के बारे में बताया है। साथ ही यह भी जानकारी दी है कि सोयाबीन का तेल कितना सुरक्षित है और कितना हानिकारक।

सोया तेल में पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड की भी कुछ मात्रा पाई जाती हैं। जब ये फैटी एसिड टूट जाते हैं, तो ये शरीर के विभिन्न अंगों में जमा हो जाते हैं। इन अंगों में लिवर और किडनी भी होती हैं जिससे वजन बढ़ जाता है, जो बाद में सूजन और डायबिटीज का कारण बन जाता हैं। (और पढ़ें - डायबिटीज डाइट चार्ट)

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खेती-बाड़ी, बागवानी, मशीनरी, सरकारी योजनाओं बिज़नेस आईडिया, पशुपालन, लाइफ स्टाइल एग्रीकल्चर सरकारी जॉब्स, उन्नत उद्योग और कृषि विज्ञान केंद्र से सम्बंधित विश्वसनीय जानकारी सबसे पहले कृषि दिशा पर पढें.

एस्ट्रोजेन अधिकता के लक्षणों, पीरियड क्रेम्प्स और एंडोमेट्रियोसिस के लिए कैस्टर ऑयल मददगार हो सकता है। Source स्किन से प्रवेश कर टोक्सिंस को शरीर से बाहर निकाल कर एस्ट्रोजेन को बैलेंस करता है।

सोयाबीन में कैल्शियम, विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन्स ,कॉपर जैसे कई सारे पोषक तत्व होते हैं जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते है

इसलिए मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए सोयाबीन के आटे का उपयोग करना लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा सोयाबीन का नियमित सेवन करने से डायबिटीज रोग से पीड़ित व्यक्ति की मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलती है।

न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि हम सभी कुकिंग ऑयल का अलग-अलग तरह से और अलग-अलग तापमान पर खाना पकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप पहले यह पहचान लें कि आप किस प्रकार का खाना बना रहे हैं और फिर तेल चुनें.

इसका सेवन करने से हमारे शरीर को कई सारे पोषक तत्व मिलते हैं

ऐसा माना जाता है कि दक्षिण-पूर्वी एशिया खासतौर से चीन से सोयाबीन का प्रचलन शुरु हुआ था। इसके बाद ये जापान और फिर विश्‍व के अन्‍य हिस्‍सों में भी लोकप्रिय हो गया। वर्तमान समय में विश्‍वभर में सोयाबीन की खेती की जाती है। विश्‍व स्‍तर पर संयुक्‍त राज्‍य सोयाबीन का उत्‍पादन करने में पहले स्‍थान पर है। इसके बाद ब्राजील, अर्जेंटीना और चीन का नाम आता है। भारत के मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र और राजस्‍थान राज्‍य में सबसे ज्‍यादा सोयाबीन का उत्‍पादन किया जाता है।

सोयाबीन से तेल निकालकर सब्जी बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

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